ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रारंभ:1999 G20 की स्थापना G20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। नेता-स्तरीय समुन्नयन 2007 के वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के मद्देनजर G20 को राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के स्तर तक उन्नत किया गया था, और 2009 में इसे "अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग हेतु प्रमुख मंच" के रूप में नामित किया गया था। G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है।
शुरुआत में G20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था, परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।
G20 के सदस्य ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
G20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है। आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठन नियमित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अतिरिक्त G20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। G20 की कार्यशैली G20 अध्यक्षता के तहत एक वर्ष के लिए G20 एजेंडा का संचालन किया जाता है और शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। G20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं: वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं। शेरपा पक्ष की ओर से G20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है, जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। वित्त ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक गवर्नर करते हैं। दो ट्रैक के भीतर, विषयगत रूप से उन्मुख कार्य समूह हैं जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ-साथ आमंत्रित/अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं (वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में है)। ये कार्य समूह प्रत्येक अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं। शेरपा वर्ष के दौरान हुई वार्ता का पर्यवेक्षण करते हैं, शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा आइटम पर चर्चा करते हैं और G20 के मूल कार्य का समन्वय करते हैं। इसके अलावा, ऐसे सम्पर्क समूह हैं जो G20 देशों के नागरिक समाजों, सांसदों, विचार मचों, महिलाओं, युवाओं, श्रमिकों, व्यवसायों और शोधकर्ताओं को एक साथ लाते हैं। इस समूह का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसकी अध्यक्षता ट्रोइका द्वारा समर्थित है -
पिछला, वर्तमान और आने वाला अध्यक्षता-
भारत की अध्यक्षता के दौरान, ट्रोइका में क्रमशः इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील शामिल होंगे। लोगो और विषय G20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों - केसरिया, सफेद और हरे, एवं नीले रंग से प्रेरित है। इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य है। G20 लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में "भारत" लिखा है। भारत का G20 अध्यक्षता का विषय - "वसुधैव कुटुम्बकम" या "एक पृथ्वी · एक कुटुंब · एक भविष्य" - महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है। अनिवार्य रूप से, यह विषय सभी प्रकार के जीवन मूल्यों - मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव - और पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करता है। यह विषय (थीम) व्यक्तिगत जीवन शैली और राष्ट्रीय विकास दोनों स्तरों पर पर्यावरण की दृष्टि से धारणीय और जिम्मेदार विकल्पों से संबद्ध LiFE (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर भी प्रकाश डालता है, जिससे वैश्विक स्तर पर परिवर्तनकारी कार्यों के परिणामस्वरूप एक स्वच्छ, हरे-भरे और उज्जवल भविष्य का निर्माण होता है।यह विषय सामाजिक और व्यक्तिगत उत्पादन और उपभोग विकल्पों पर भी प्रकाश डालता है और पर्यावरण की दृष्टि से व्यवहार्य और जिम्मेदार व्यवहार विकल्प अपनाने का आह्वान करता है जिससे वैश्विक सुधारात्मक कार्रवाई की जा सके ताकि मानवता को अपेक्षाकृत स्वच्छ, हरित और उज्जवल भविष्य प्राप्त हो। लोगो और विषय (थीम) एक साथ भारत की G20 अध्यक्षता का एक सशक्त संदेश देते हैं, जो दुनिया में सभी के लिए न्यायसंगत और समान विकास के प्रयास को दर्शाता है। क्योंकि आज जब हम एक स्थायी, समग्र, जिम्मेदार और समावेशी तरीके से इस चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं तो ऐसे समय में ये G20 अध्यक्षता के लिए हमारे आसपास के पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल जीवन से संबंधित हमारे विलक्षण भारतीय नजरिये को दर्शाते हैं। भारत के लिए, G20 अध्यक्षता "अमृतकाल" की शुरुआत है, जो 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ से शुरू होकर एक भविष्यवादी, समृद्ध, समावेशी और विकसित समाज, जिसकी मुख्य विशेषता मानव-केंद्रित दृष्टिकोण है, के लिए अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी तक 25 वर्ष की अवधि है।
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