सब अचानक हो गया#hindi #translation #training #motivationalspeaker #translators #mentors
सर्दियों की रात कार्यालय से वापस आया। मुहल्ले के तीन मित्र मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे।बातचीत के दौर उन्होंने बताया कि अनुवादक चयन परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।सबकुछ तो ठीक से हो जा रहा है पर अनुवाद करने में काफी समय लग जा रहा है।मुझसे उन्होंने मार्गदर्शन मांगा। अगले दिन से रात के समय एक बल्ब की रोशनी में हम चार बैठना शुरू किए और उनके अभ्यास का क्रम चल पड़ा।धीरे धीरे जिस अनुच्छेद को करने में उन्हें घंटों लगता था उसे मिनटों में निपटाने लगे। कुछ दिनों के बाद उनके कुछ और मित्र आ गए। उन्हें भी शामिल कर लिया।क्रमवार लोग सीखते रहे,अभ्यस्त होते रहे और फिर आने,सीखने और चयनित होने का एक क्रम चल पड़ा। मैं बिंदास अपनी धुन में भावी अनुवादकों को प्रशिक्षण देता रहा,लोग केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी अनुवादक तथा बैंको में राजभाषा अधिकारी के पद पर चयनित होते रहे। अब इस मार्गदर्शन का कार्य यूट्यूब पर ले जाने का निर्णय लिया। यूट्यूब का संसार भी बड़ा अजीब है।कंटेंट चाहे जितने अच्छा हो यदि आपको अपने चैनल को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारी न हो तो सब्सक्राइबर बढ़ाना बड़ा कठिन है।इसका ज्ञान तो था नहीं । हालांकि अब भी उतना नहीं है। बड़ी मुश्किल से साठ सत्तर लोग जुड़े। यह भी दुखी करने वाला समय हो गया। उन दिनों 100 सब्सक्राइबर होने पर मोबाइल से लाइव आने की सुविधा थी। मैने अपने बेटे से मदद मांगी। कुछ नखरे दिखाने के बाद बेटे ने अपने मित्रों से कहकर 100 का आंकड़ा पार करवाया। अब लाइव आने लगा। इसी बीच कोरोना का कहर टूट पड़ा। स्काइप की जानकारी थी पर ऑनलाइन कांफ्रेंस करने वाले एप की खोज करने लगा और तकनीकी सीखने लगा।धीरे धीरे कारवां बढ़ चला। राजभाषा के क्षेत्र में रोजगार से संबंधित विवरण,प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाने वाला हमारा चैनल अपने आप में अकेला और प्रमाणिक था। लोगो को सहयोग मिलता रहा,लोग सफल होते रहे,स्नेह मिलता रहा और फिर धीरे धीरे भाषा शिक्षण एक ब्रांड बनने लगा। कोविड काल के समापन पर एक और भगीरथ प्रयास हाथ में लिया।अपनी बेटी और उसके सहपाठियों को आईबीपीएस स्पेशलिस्ट ऑफिसर(राजभाषा) चयन परीक्षा के लिए प्रशिक्षित करने का।इस परीक्षा में हमारे 19 छात्र सफल रहे।उनका चयन हो गया,विभिन्न सरकारी बैंकों में वे राजभाषा अधिकारी बन गए और फिर सुनाम हो उठा और बड़े पैमाने पर भाषा शिक्षण संस्थान की स्थापना हुई। समस्त अभ्यर्थियों के स्नेह का फल है कि आज भारत में जहां भी हिंदी अनुवादक,अधिकारी चयन परीक्षा होती है वहां भाषा शिक्षण की चर्चा अवश्य होती है। हालांकि अब भी हम तकनीकी रूप से पूर्णतः दक्ष नहीं हैं।बाजारवाद के प्रभाव से दूर हैं। खुद का एप नहीं बना सके हैं तथा अधिक संख्या में छात्रों को ऑफलाइन प्रशिक्षित करने के लिए वैसे भवन का निर्माण कार्य करने की आवश्यकता है। इष्ट मित्रों और शुभाकांक्षियों के शुभकामनाओं, आपकी सलाह से आशा है कि सेवा का एक एक मुकाम हासिल करते हुए चलते रहेंगे।
हमारे चैनल का लिंक : https://lnkd.in/gpkQf6i6हमारी वेबसाइट : www.bhashashikshan.org
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